सबसे पहला और महत्वपूर्ण नुकसान पाकिस्तान के क़रीब होने का…दिल्ली पाकिस्तान की कई मिसाइलो कि रेंज में आता है जो उसे युद्ध के समय एक राजधानी के रूप में बड़े खतरे में डाल सकता हैं।
प्रदूषण..दिल्ली में बड़ता प्रदूषण एक चिंता का विषय हैं क्योंकि ये लोगों के स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक हैं ही बल्कि उसके साथ भारत सरकार के विदेशी मेहमानों के लिए भी परेशानी की बात हैं।
हरियाली…एक देश की राजधानी कई विदेशी राजनेताओं की अगवानी के लिए एक मेजबान की तरह रहती हैं ऐसे में उसका हरा भरा और सुंदर होना भी जरूरी हैं जिससे विदेशी अथितियों को ताज़ी हवाओं और मनोरम पर्यावरण का अनुभव हो।इससे देश की छवि प्रभावित होती हैं।
बड़ा छेत्रफल…. हाल ही में यह समस्या भारत की राजधानी दिल्ली को देखने को मिल रही हैं जहाँ कम छेत्रफल में अत्याधिक बसावट हो रही हैं जिससे दिल्ली की जनसंख्या बढ़ती जा रही है और छेत्रफल काम से कम होता जा रहा हैं।
देश की राजधानी में खुला खुला वातावरण होना चाहिये हर चीज़ ठूस ठूस के भरी हुई नहीँ लगना चाहिए यह भी दूसरे देश को प्रभावित करती हैं।
पानी की समस्या….दिल्ली में जलसंकट की समस्या किसी से छुपी नहीं हैं। देश की राजधानी पूरे देश के मीडिया, बड़ी बड़ी हस्तियों, सरकारी अफसरों, राजनेताओं, अलग अलग देशों के राजदूतों का आवास भी होता हैं और ऐसे में पानी की किल्लत और समस्या आना उचित नहीँ होगा।
कनेक्टिविटी…एक राजधानी पूरे देश के लोगों को दर्शाती हैं जहाँ उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम के लोग रहते हैं। ऐसे में किसी राजधानी अगर देश के मध्य में रहे तो बेहतर रहता हैं।।
वैसे ये जरूरी नही की राजधानी मध्य में ही हो। बस वैसी जगह हो जहाँ दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम के लोग बिना किसी भाषा, खानपान की समस्या के साथ रह सके और उनके राज्यों से आवागमन पास और सुविधाजनक हो।
देश की राजधानी में व्यापार भी महत्वपूर्ण होता हैं ऐसे में अगर कोई राजधानी समुद्र के पास स्थित हो तो व्यापार आसान और व्यापक हो सकता हैं। क्योंकि विदेशों से अधिकतर व्यापार समुद्री मार्ग से ही होता हैं।
लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली होना भी अपने आप मे एक बड़ी बात है इसका अपना अलग ही इतिहास और महत्व हैं।